अध्याय-१
अंग्रेजी भाषा है
इस अध्याय में आप को जो चाहिए बिलकुल वही अध्याय है, यह विषय से भटकाने वाला अध्याय नही है इसमें बेमतलब आप को कुछ भी नही मिलेगा। इसलिए यह किताब किस सिद्धांत पर आधारित है। यह सबसे पहले आपके सामने स्पस्ट होना जरुरी है, वह इस अध्याय में स्पस्ट हो जायेगा इसे आप नजर अंदाज नही कर सकते. इसलिए पढ़िए - लेकिन सिर्फ पढ़ें नही बल्कि पढ़ते वक्त बोलिए , पूछिए आपके प्रश्नों के उत्तर देने वाली और आप से बात करने वाली यह किताब है,
तो अब हम बात करने की शुरुआत करते हैं एक प्रश्न से, अंग्रेजी भाषा है, यह तो हमें पहले से ही मालूम है। अब प्रश्न यह है कि भाषा क्या है ? भाषा की हमको क्या जरुरत है?
इस सवाल का जवाब आपको पता है- किसी भी हालत में यह आपको मालूम है , अगर आप शब्दों में ना बता पाएँ तो भी इसका जवाब आप जानते हैं। किसी भी तरीक़े से आप जवाब दें तब भी आपका जवाब गलत नही हो सकता, क्योंकि भाषा का प्रयोग आप खुद प्रतिदिन करते हैं ।
आपके मन में क्या है, यह बताने के लिए आप भाषा का प्रयोग करते हैं । अपने विचारों को आप भाषा के जरिए बताते हैं । यानी हमारे मन में जो कुछ भी है, उसे व्यक्त करने या बताने के लिए हम भाषा का प्रयोग करने है, और हमारे मन में जो कुछ हा, उसे हमारे विचार मानकर यदि हम भाषा की परिभाषा इस प्रकार करें तो ग़लत नही होगा :-
भाषा विचार व्यक्त करने का माध्यम है ।
अब अगला सवाल -
हम अपने विचार किस तरह व्यक्त करते हैं? विचार व्यक्त करते वक्त हम क्या करते हैं?
आप को पता है, हम बोल कर या लिख कर अपने विचार व्यक्त करते हैं । और जब हम बोलते या लिखते हैं, तब हम शब्दों का प्रयोग करते हैं । शब्दों के बिना बोलना या लिखना नामुमकिन है, लेकिन सही लिखने और बोलने के लिए सिर्फ शब्द काफी नही हैं । केवल शब्दों के आने से वाक्य नही आयेगा । सही वाक्य आने के लिए एक और चीज़ की ज़रूरत है उस दूसरी चीज़ को समझने के लिए हम एक उदाहरण की मदद लेंगे।
एक वाक्य देखिये :- यह मेरी किताब है ।
इस वाक्य का अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए दो बातों की ज़रूरत है पहली बात इस वाक्य के हर शब्द का हमें अंग्रेजी में अर्थ मालूम होना चाहिए, शब्दों का अर्थ मालूम होने की पहली शर्त हम पूरी क्र सकते हैं या नही यह हम पहले देखेंगे:-
यह अर्थात this मेरी का अर्थ my, किताब के लिए शब्द है book और है के लिए is इस वाक्य के हर शब्द का अर्थ हमें मालूम है :- This -my-book-is,लेकिन This my book is यह वाक्य सही नही है, सही वाक्य क्या है आपको पता है। सही वाक्य :- This is my book.
अब This my book is और This is my book इन दोनों वाक्यों में शब्द वही है , शब्दों की संख्या भी उतनी ही है, फिर भी This my book is यह वाक्य ग़लत हैक्योंकि This my book is इस वाक्य में शब्दों का क्रम ग़लत है, या शब्दों की रचना सही नही है, ऐसा भी कहा जा सकता है या वाक्य रचना ग़लत है ऐसा कहिये । कुछ भी कहिये अर्थ एक ही है तो वाक्य सही होने के लिए शब्दों के अलावा दूसरी किस चीज़ की ज़रूरत है यह आपकी समझ में आ गया होगा, और वह दूसरी चीज़ है वाक्य की रचना.
यहाँ तक हमने जो समझा उस पर आधारित एक समीकरण हम बना सकते हैं । शब्द+रचना =वाक्य. यह समीकरण गणित के उस समीकरण के समान है जैसे २+२=४.
दुनिया के किसी भी कोने में अगर दो और दो मिलाएंगे तो उसका जवाब चार ही आएगा, चार के अलावा कुछ नही , उसी तरह सही शब्द और सही रचना का संयोग एक सही वाक्य ही होगा, और कुछ नही, और वाक्य आने के बाद लिखना बोलना तो आएगा ही , क्योकि लिखने बोलने के लिए वाक्य के अलावा किसी दोसरी चीज़ की ज़रूरत नही है .
लिखने बोलने के लिए वाक्यों की ज़रूरत है, जब मैं यह कहता हूँ तो उसका अर्थ ५० वाक्य , १०० वाक्य या २०० वाक्य ऐसा नही है, किसी भी भाषा के गिने चुने वाक्य आने से वह भाषा हमे आती है ऐसा नही कह सकते . लेकिन हिंदी का कोई भी वाक्य आपको अंग्रेजी में आता हो तो आपको अंग्रेजी आती है ऐसा ही कहना होगा, और यही आपको इस किताब में सीखना है ।